Tuesday, January 14, 2020

कार्टून: गुस्से में इंटरनेट इधर उधर निकल जाता है?

रुजा इग्नातोवा ख़ुद को क्रिप्टोकरेंसी की महारानी कहा करती थीं. रुजा ने लोगों को बताया था कि उन्होंने बिटकॉइन के मुक़ाबले एक नई क्रिप्टोकरेंसी ईजाद की है. यही नहीं, उन्होंने लोगों को इस करेंसी में लाखों करोड़ों के निवेश करने के लिए भी राज़ी कर लिया. फिर अचानक दो साल पहले वो ग़ायब हो गईं. रुजा ने ये काम आख़िर कैसे किया? वो अचानक कहां ग़ायब हो गई? वो कहां छिपी है?

बीबीसी के जेमी बार्टलेट ने मिसिंग क्रिप्टोकॉइन नाम के पॉडकास्ट के लिए रुजा इग्नातोवा से जुड़े इन सवालों के जवाब तलाशने के लिए कई महीनों तक छानबीन की. ताकि, इस बात का पता लगाया जा सके कि रुजा इग्नातोवा आख़िर कहां छुपी हैं.

ये बात जून 2016 के शुरुआती दिनों की है. 36 साल की एक कारोबारी डॉक्टर रुजा इग्नातोवा लंदन के मशहूर वेम्बली अरेना में अपने हज़ारों चाहने वालों के सामने स्टेज पर नमूदार होती है. हमेशा की तरह वो महंगा बॉलगाउन पहने हैं. कानों में हीरे के लंबे-लंबे झुमके हैं और होठों पर चटख़ सुर्ख़ लिपस्टिक लगी है.

जोश में झूमते हुए अपने चाहने वालों को रुजा बताती है कि वनकॉइन बहुत जल्द दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बनने वाली है. बहुत जल्द सारी दुनिया में हर कोई इसी के सहारे पैसे का भुगतान करेगा.

बिटकॉइन दुनिया की पहली क्रिप्टोकरेंसी थी औऱ आज भी सबसे ज़्यादा जानी और पहचानी जाती है. 2016 के मध्य तक इस करंसी की क़ीमत में बेपनाह इज़ाफ़ा हुआ. कारोबारी बाज़ार में पैसा कमाने का ये एक नया और नायाब तरीक़ा था. बहुत लोग इस नई करेंसी में अपने लिए नई संभावनाएं तलाश रहे थे.

वेम्बली अरेना में डॉक्टर रुजा ने अपने चाहने वालों को बताया कि वनकॉइन, बिटकॉइन को ख़त्म करने वाली डिजिटल करेंसी है. उन्होंने लोगों से कहा कि दो साल बाद कोई भी बिटकॉइन का ज़िक्र तक नहीं करेगा. वनकॉइन, बिटकॉइन को ख़त्म करने आया है. दुनिया भर में लोग वनकॉइन को एक नई क्रांति मान कर इसमें पैसा लगा रहे थे.

बीबीसी को मिले दस्तावेज़ों के मुताबिक़ 2016 के पहले छह महीने में ब्रिटेन के नागरिकों ने वनकॉइन में क़रीब 3 करोड़ यूरो का निवेश कर डाला था. इसमें से 20 लाख यूरो तो महज़ एक हफ़्ते में निवेश किए गए थे. वनकॉइन को लेकर वेम्बले में हुए भव्य कार्यक्रम के बाद तो निवेश का औसत और भी बढ़ने वाला था.

अगस्त 2014 से मार्च 2017 के बीच दुनिया भर के कई देशों से क़रीब चार अरब यूरो का निवेश वनकॉइन में हो चुका था. इसमें पाकिस्तान और ब्राज़ील से लेकर हॉन्गकॉन्ग, नॉर्वे, क्यूबा,यमन यहां तक कि फ़िलस्तीन जैसे देशों के नागरिक भी शामिल था. लेकिन, वनकॉइन में धड़ाधड़ निवेश कर रहे लोगों को एक बहुत ज़रूरी बात पता नहीं थी.

कुछ लोग काफ़ी समय से ऐसी मुद्रा विकिसत करने की कोशिश कर रहे थे, जो किसी सरकार की पाबंदी से परे हो. लेकिन ये कोशिश हमेशा नाकाम हो जाती थी. क्योंकि लोग ऐसी करेंसी पर विश्वास नहीं कर सकते थे. इसमें जालसाज़ी की संभावना भी ख़ूब थी. बिटकॉइन ने लोगों के इस डर को ख़त्म कर दिया था.

बिटकॉइन एक ख़ास तरह के डेटाबेस पर आधारित है जिसे ब्लॉकचेन कहते हैं. ये एक बड़ी सी डायरी की तरह होता है. एक ब्लॉकचेन उसके मालिक के पास होता है. लेकिन इससे अलग इस ब्लॉकचेन की कई कॉपी होती हैं.

हर मर्तबा जब भी किसी और को एक भी बिटकॉइन भेजा जाता है, तो इस का लेखा-जोखा सभी बिटकॉइन मालिकों के पास मौजूद बिटकॉइन रिकॉर्ड बुक में दर्ज हो जाता है.

इस रिकॉर्ड में कोई भी किसी भी तरह का बदलाव नहीं कर सकता. इस ब्लॉकचेन का मालिक भी नहीं. यहां तक कि इस रिकॉर्ड बुक को तैयार करने वाला भी इसमें कोई बदलाव नहीं कर सकता.

इसके पीछे जटिल गणित काम करता है, जिसे समझना हर किसी के बस की बात नहीं. लेकिन इसका ये मतलब हरगिज़ नहीं कि, ब्लॉकचेन की कॉपी नहीं हो सकती, या इसे हैक नहीं किया जा सकता. या फिर इनका दो बार इस्तेमाल नहीं हो सकता.

बहरहाल, कारोबार की दुनिया में बिटकॉइन एक तरह की क्रांतिकारी डिजिटल करेंसी थी, जिसमें तमाम बैंकों और राष्ट्रीय मुद्रा को पीछे छोड़ने की क़ुव्वत थी.

ये ऐसी करेंसी थी जो निवेशकों को फ़ोन पर ही बैंकिंग की सुविधा देती थी. यानी बिटकॉइन की आमद से डिजिटल करेंसी का माहौल साज़गार था. लिहाज़ा डॉ. रुजा ने मौक़ा भुनाने का मन बना लिया और लोगों को सपने बेचने का काम शुरू कर दिया.

रुजा की कंपनी को तलाश थी तकनीक में माहिर एक ऐसे शख़्स की, जो उनके लिए ब्लॉकचेन तैयार कर सके. और उनकी ये तलाश ख़त्म हुई ब्योर्न बियर्क पर. अक्टूबर 2016 में ब्योर्न बियर्क के पास एक फ़ोन आया. फ़ोन करने वाले ने इन्हें नौकरी की पेशकश की.

इस ऑफ़र में बियर्क को रहने के लिए घर, कार और सालाना ढाई लाख पौंड की तनख्वाह का प्रस्ताव दिया गया. फ़ोन करने वाले ने अपनी कंपनी के बारे में बताया कि ये पूर्वी यूरोपीय देश बुल्गारिया की एक क्रिप्टोकरेंसी स्टार्ट-अप है और कंपनी को एक तजुर्बेकार टेक्निकल चीफ़ की ज़रूरत है.

ब्योर्न बियर्क उस नौकरी की पेशकश करने वाले से हुई गुफ़्तगू याद करते हुए कहते हैं कि, 'मैं सोच में पड़ गया कि कंपनी में मेरा काम क्या होगा.'उन्होंने पूछा भी कि मुझे काम क्या करना होगा.जवाब मिला कि कंपनी के पास अभी कोई ब्लॉकचेन नहींहै . फ़िलहाल आप को कंपनी के लिएये ब्लॉकचेन तैयार करनी है.

बियर्क ने कहाकि मुझे तो बताया गया था कि ये एक क्रिप्टोकरेंसी कंपनी है, तो जवाब दिया गया कि बिल्कुल ये एक क्रिप्टोकरेंसी कंपनी है और पिछले कुछ ही वक़्त से काम कर रही है, लेकिन इनके पास ब्लॉकचेन नहीं है. लिहाज़ा कंपनी के लिए एक ब्लॉकचेन तैयार करनी है. तब ब्योर्न बियर्क ने कंपनी का नाम पूछा. इस कंपनी का नाम था वनकॉइन. ब्योर्न बियर्क ने नौकरी की ये पेशकश ठुकरा दी.

जेन मैकएडम का टाइकून पैकेज
ये कुछ महीने पहले की बात है, जब जेन मेकएडम के एक दोस्त ने उन्हें एक ऐसे मौक़े के बारे में बताया जिसे गंवाया नहीं जा सकता था. ग्लास्गो की रहने वाली जेन ने अपना कंप्यूटर ऑन किया और एक लिंक पर क्लिक करके वनकॉइन के वेबिनार में शरीक़ हो गईं.

अगले एक घंटे या उससे थोड़ा ज्यादा समय तक वो इस क्रिप्टोकरेंसी के बारे में लोगों के पुरजोश अनुभव सुनती रहीं. सभी लोग बहुत ख़ुश थे. बता रहे थे कि कैसे उनकी क़िस्मत बदल सकती है. वो जिस ऑनलाइन सेमिनार को सुन रही थीं, उसमें उन्हें बताया गया कि वो बहुत ख़ुशक़िस्मत हैं कि इस वक़्त वो इस वेबिनार से जुड़ी हैं.

ऑनलाइन सेमिनार में डॉक्टर रुजा के बारे में ज़बरदस्त तरीक़े से बताया जा रहा था. रुजा ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी. उन्होंने कोन्सतान्ज़ से पीएचडी की डिग्री हासिल की.

इस में रुजा के मैकिन्से एंड कंपनी में मैनेजमेंट सलाहकार के तौर पर काम करने का हवाला भी दिया गया. सबसे ज़बरदस्त था जानी-मानीप त्रिका दी इकॉनोमिस्ट द्वारा आयोजित कॉन्फ़्रेंस में डॉ. रुजा की तक़रीर. इस तक़रीर को ऑनलाइन सेमिनार में दिखाया गया था.

जेन को डॉ रुजा के सशक्त महिला के किरदार ने सबसे ज़्यादा प्रभावित किया. यहां तक कि ऑनलाइन सेमिनार ख़त्म होने तक जेन ने वनकॉइन में एक हज़ार यूरो निवेश करने का फ़ैसला कर लिया. ये बहुत ही आसान था. आप एक वनकॉइन टोकन ख़रीदिए और फिर ये आगे और वनकॉइन सिक्के तैयार करेगा जो आपके अकाउंट में आ जाएंगे.

उन्हें बताया गया कि एक दिन ऐसा आएगा जब जेन अपने ख़रीदे गए वनकॉइन को यूरो और पाउंड में तब्दील कर सकती हैं. जेन को लगा कि ये तो पैसे कमाने का शानदार और आसान तरीक़ा है. जेन मैकएडम को लगा कि इस शानदार क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के लिए शायद एक हज़ार यूरो कम हैं. ये तो ज़िंदगी में इंक़लाब लाने वाला मौक़ा है.

उनके उत्साह को देख कर प्रमोटर ने बताया कि सबसे छोटा पैकेज 140 यूरो का था. लेकिन, उन के पास तो एक लाख 18 हज़ार यूरो तक के पैकेज भी हैं. यानी छप्परफाड़ मुनाफ़ा. एक हफ़्ते बाद ही जेन मैकएडम ने पांच हज़ार यूरो का टाइकून पैकेज ख़रीद लिया. जल्द ही ऐसा समय भी आया जब जेन ने अपने दस हज़ार यूरो तो वनकॉइन में लगा ही दिए. बल्कि, अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के भी क़रीब ढाई लाख यूरो का निवेश इस नई क्रिप्टोकरेंसी में कर दिया था.

वो बार-बार वनकॉइन की वेबसाइट देखा करती थीं, और जब उन के सिक्कों की क़ीमत बढ़े तो ज़बरदस्त ख़ुशी महसूस होती थी. जल्द ही जेन के वनकॉइन की क़ीमत एक लाख पाउंड पहुंच चुकी थी. यानी उन के निवेश से दस गुना ज़्यादा रिटर्न. इस रक़म को देख कर जेन छुट्टियों पर जाने और ख़ूब शॉपिंग करने की योजनाएं बनाने लगीं.

लेकिन, उसी साल के आख़िर में एक अजनबी ने इंटरनेट के माध्यम से जेन मैकएडम से संपर्क किया. उस ने कहा कि वो लोगों की मदद करना चाहता है. उस ने जेन से ये भी कहा कि उस ने वनकॉइन के बारे में गहराई से पड़ताल की है और अब उन लोगों से बात करना चाहता है, जिन्होंने वनकॉइन में निवेश किया है.

जेन ने बड़ी अनिच्छा से उस व्यक्ति से स्काइप के ज़रिए बात करने के लिए हामी भर दी. ये बातचीत एक दूसरे पर चिल्लाने के मुक़ाबले में तब्दील हो गई. लेकिन, उस अजनबी से बातचीत ने जेन की ज़िंदगी को एक नई दिशा में मोड़ दिया.

उस अजनबी का नाम था टिमोथी करी. वो बिटकॉइन में दिलचस्पी रखने वाला शख़्स था, जो क्रिप्टोकरेंसी की जम कर वक़ालत करता था. उस ने सोचा कि वनकॉइन की वजह से क्रिप्टोकरेंसी बदनाम हो जाएंगी.

इसीलिए उस ने जेन मैकएडम को दो टूक शब्दों में बता दिया कि वनकॉइन असल में एक घोटाला है. उस के शब्दों में कहें, तो, 'ये दुनिया (गाली) का सब से बड़ा घोटाला है.' उस ने ये भी कहा कि वो ये बात साबित भी कर सकता है. तो, जेन ने तुर्शी से जवाब दिया कि, 'ठीक है, फिर तुम मुझे साबित कर के दिखाओ.'

अगले कुछ हफ़्तों तक टिमोथी करी ने जेन को डिजिटल करेंसी के बारे में ढेर सारी जानकारियां भेजी. उन्हें बताया कि क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है. टिमोथी ने इस संबंध में जेन को कई लिंक, लेख, यू-ट्यूब वीडियो और दूसरी सामग्री भेजी. टिमोथी ने जेन का संपर्क क्रिप्टोकरेंसी के एक्सपर्ट ब्योर्न बियर्क से कराया. ब्योर्न, ब्लॉकचेन के डेवेलपर हैं. उन्होंने ही कहा था कि वनकॉइन के पास कोई ब्लॉकचेन नहीं है.

जेन मैकएडम को टिमोथी की भेजी सारी जानकारी पढ़ने-सुनने और समझने में क़रीब तीन महीने का समय लग गया. लेकिन, अब उस के ज़हन में सवाल उठने लगे थे. उस ने अपने वनकॉइन ग्रुप के लीडर से पूछना शुरू कर दिया था कि क्या कोई ब्लॉकचेन है, या फिर नहीं है. शुरू में तो उसे ये बताया गया कि उसे इस बारे में जानने की ज़रूरत ही नहीं है. लेकिन, जब जेन ने ज़ोर देकर ये बात जाननी चाही, तो उसे आख़िर में हक़ीक़त का पता चल ही गया. उसे ये सच अप्रैल 2017 में एक वॉयसमेल के ज़रिए पता चली.

'ठीक है…जेन. वो ये जानकारी लोगों को नहीं देना चाहते क्योंकि इस बात का डर है कि जहां पर ब्लॉकचेन को रखा गया है, उसे कोई ख़तरा न हो. इस के अलावा, एक एप्लिकेशन के तौर पर इसे किसी सर्वर की ज़रूरत नहीं है. तो, हमारी ब्लॉकचेन तकनीक असल में एक एसक्यूएल सर्वर है, जिसका अपना डेटाबेस है.'

लेकिन, इस पड़ाव तक पहुंचते-पहुंचते टिमोथी और ब्योर्न बियर्क की मदद से, जेन को ये बात मालूम थी कि कोई मानक एसक्यूएल सर्वर डेटाबेस के आधार पर असल में कोई क्रिप्टोकरेंसी विकसित नहीं की जा सकती. क्योंकि इस डेटाबेस का मैनेजर कभी भी इस के भीतर जा कर बदलाव कर सकता है.

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